देश –विदेश से आये अनुरोध और समर्थन के बाद आज 17 वें दिन मेधा पाटकर ने धार जेल में तोड़ा उपवास
अनशन पर बैठे अन्य 21 लोगों ने भी आन्दोलन को और मजबूत करने  और बिना पुनर्वास न हटने के प्रण के साथ तोड़ा उपवास
मेधा पाटकर को धार मजिस्ट्रेट के सामने किया गया पेश और मिली एक केस में जमानत, अगली सुनवाई 16 अगस्त को

कोटेश्वर, मध्य प्रदेश | 12 अगस्त 2017 :  आज  मेधा पाटकर सहित उपवास पर बैठे  नर्मदा घाटी के सभी 22 लोगों ने अपना अनशन तोड़ा। इनमें भगवती बहन, रुकमनी बहन, धर्मेन्द्र कन्हेरा, पुष्पा बाई ,गायत्री बहन, रामेश्वर भाई, बाउ भाई, मेधा पाटकर सहित 12 लोगों का उपवास का 17 वां दिन था, इनमें से 10 को पुलिस ने अनशन के 12 वें दिन गिरफ्तार कर जबरन अस्पताल में भर्ती दिया था इसके बावजूद  इनके द्वारा उपवास नहीं तोड़ा गया वहीँ भगवती बाई और रुकमनी बाई ने चिखल्दा धरना स्थल पर ही उपवास जारी रखा था।

7 अगस्त को जब पुलिस ने अहिंसक तरीके से 10 लोगों को गिरफ्तार किया तो 10 और विस्थापित उपवास पर बैठ गए जिसमें 5 महिलाएं तथा 5 पुरुष थे।

मेधा पाटकर को अस्पताल से रिहा करने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 अगस्त को उनके उपवास के 14 वें दिन फिर से गिरफ्तार कर धार जेल में बंद कर दिया, उन्होंने आज जेल में ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय पारीख, NFIW से एनी राजा, किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा 8 बार सांसद रह चुके हन्नन मौला,असम के अखिल गोगोई तथा वरिष्ठ पत्रकार चिन्मय मिश्र की उपस्थिति में उपवास तोड़ा । देश के विभिन्न हिस्सों से नर्मदा घाटी गए ये लोग पूरे देश वासियों तथा विदेशों से आये सन्देश लेकर नर्मदा घाटी गए थे।

उपवास तोड़ने के बाद मेधा पाटकर ने देश भर के सभी आंदोलनों, समर्थकों से मिले अपार समर्थन के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने विभिन्न पार्टियों के सांसदों, विधायकों और प्रतिनिधियों का भी आभार जताया जिन्होंने  स्वयं नर्मदा घाटी जाकर,संसद में, विधानसभा में या पत्र लिखकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन तथा विस्थापितों की लड़ाई में उनका साथ दिया ।       

आज कोटेश्वर धाम में जनसभा का आयोजन किया गया था जहाँ  संजय पारीख, एनी राजा, डॉ. सुनीलम, हन्नन मौला, अखिल गोगोई तथा चिन्मय मिश्र भी उपवास पर बैठे तथा अन्य विस्थापितों से मिलने पहुचे।

डॉ. सुनीलम ने विस्थापित परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश के साथी, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्यव के साथी तथा नर्मदा बचाओ आन्दोलन के देश- विदेश के समर्थक चाहते हैं कि मेधा पाटकर और अनशन पर बैठे घाटी के अन्य साथी अपना अनशन समाप्त करें, हम यही सन्देश लेकर यहाँ आये हैं।         

संजय पारीख ने कहा कि सरकार को जो सुविधाएँ देनी थी वो किसी भी पुनर्वास स्थल में नहीं हैं, और सरकार यदि यह कहती है कि उसने मकान ,सड़कें, नाले, बिजली, पानी सारी व्यवस्थाएं पुनर्वास स्थल पर कर दी हैं तो वह बिलकुल गलत है। इसका प्रमाण हमने तस्वीरों के माध्यम से  सुप्रीम कोर्ट को भी दिया है।  उन्होंने विस्थापितों से कहा कि आप सभी की लड़ाई सच्चाई की लड़ाई है,  स्वयं के अधिकारों की लड़ाई, मानव अधिकारों की लड़ाई है और आपका अपने हकों के लिए लड़ना बिलकुल जायज और कानूनी है । संजय पारीख ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2000 के फैसले में यह बात कही गयी थी कि पुनर्वास स्थल में सुविधाएँ मूल गाँव से बहुत बेहतर होनी चाहिए लेकिन वास्तविकता इसके बिलकुल विपरीत है ।  

एनी राजा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का यह कहना कि सभी का पुनर्वास हो चुका है और पुनर्वास स्थलों में सारी सुविधाएँ हैं, यह सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि में उन सभी संघर्ष करने वाले आंदोलनों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछना चाहती हूँ कि आप जो नए भारत बनाने  की बात करते हैं उसमें हमारी और न्याय की  जगह कहा है? 70 साल की आज़ादी के बाद भी जनता इस तरह मर रही है और आप में थोड़ी सी भी इंसानियत नहीं है,आप लोगों को गुमराह कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि मैं उच्चतम न्यायालय का सम्मान करती हूँ जिसने कई बार न्याय के पक्ष में फैसला सुनाया है । उन्होंने कहा में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करती हूँ कि वह एक कमिटी बनाकर यहाँ भेजे जो धरातल पर वास्तविकता की जांच करके अपनी रिपोट दे।

असम से आये अखिल गोगोई ने कहा कि हमने अरुणांचल प्रदेश तथा उत्तर पूर्व भारत में आन्दोलन खड़ा करके बांधों का पुरजोर विरोध किया है और नरेन्द्र मोदी तथा उनकी पार्टी को स्पष्ट सन्देश दिया है यदि वह बाँध का प्रस्ताव भी  लेकर  यदि उत्तर पूर्व भारत में आई तो हम ऐसा विरोध करेंगे कि उनकी  पार्टी  कभी नार्थ ईस्ट में प्रवेश नहीं कर पाएंगी ।उन्होंने उपवास पर बैठे लोगों से उपवास तोड़कर बड़ा आन्दोलन खड़ा करने का अनुरोध किया और कहा कि हम असम में भी बिना न्यायिक पुनर्वास के विस्थापन का विरोध करेंगे ।  

डूब प्रभावित पिछोड़ी गाँव की श्यामा बहन ने कहा कि करकार जितनी भी कोशिशें कर ले, बल प्रयोग कल ले लेकिन  हम डरेंगे नहीं बल्कि और मजबूती के साथ खड़े होकर इसका विरोध करेंगे और सम्पूर्ण पुनर्वास के बिना हटेंगे नहीं ।

कुक्षी से विधायक सुरेन्द्र सिंह बघेल ने सरकार का विरोध करते हुए कहा कि हमारी आजादी और हक़ की लड़ाई हम निरंतर लड़ते रहेंगे। आजादी के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने गोरे अंग्रेजों को भारत से खदेड़ा था मध्य प्रदेश सरकार की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आज जरुरत पड़ी तो  हम काले अंग्रेजों को भी देश से भगाने की लड़ाई लड़ेंगे।    

मेधा पाटकर को असंवैधानिक तथा गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर 3 दिन से धार जेल में रखा गया है। इसके पीछे सरकार की  प्रत्यक्ष मंशा उनकी अनुपस्थिति में लोगों को डराकर तथा बल प्रयोग कर गाँव खाली करवाने की है। कल 11 अगस्त को मेधा पाटकर को तकनीकी वजहों से विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये मजिस्ट्रेट में प्रस्तुत करने के विफल प्रयास के बाद आज उन्हें प्रत्यक्ष रूप से धार मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उनका स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से उन्हें व्हील चेयर में ले जाकर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। इस दौरान पूरा रास्ता बंद कर दिया गया जिसकी वजह से अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक घंटे की लम्बी सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट ने चार आरोपों में से 1 में मेधा पाटकर को बेल दी तथा अन्य 3 केसों की सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारिख मिली है ।  तब तक उनको धार जेल में ही रखा जायेगा।  

घाटी के लोगों ने कहा कि शासन कितना भी दमन कर ले लेकिन हमारे 40000 सरदार सरोवर बाँध के डूब प्रभावित परिवारों के लोकतांत्रिक, अहिंसक और हकों की लड़ाई को दबा नहीं सकती, हम दृढ़ निश्चय के साथ हमारे अधिकारों के लिए पिछले 32 सालों से लड़ते आ रहे है और आगे भी लड़ते रहेंगे।  

मध्य प्रदेश सरकार की अहिंसक प्रवृति और संवादहीनता के बीच नर्मदा बचाओ आन्दोलन तथा नर्मदा घाटी के हजारों विस्थापितों का संघर्ष और अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रहेगी ।

देश भर में नर्मदा बचाओ आन्दोलन के समर्थन में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। आज MSI तथा CHATRI संगठनों के साथ हजारों समर्थकों ने  इकठ्ठा होकर हैदराबाद में रैली निकाली। 

गायत्री बहन, विमला बाई, धर्मेन्द्र कन्हेरा, भगवती बहन, मंजुला बाई, पुष्पा बाई, रामेश्वर, बाउ, रुकमनी बाई, भगवती बाई, सेवंती बहन, नानी मछुवारा, सरस्वती बहन, कमला  यादव, लक्ष्मी पाटीदार, रेवा पाटीदार, भूपेंद्र कुमावत, प्रवीण श्रीवास, राकेश पाटीदार, हरिओम कुमावत, बच्चूराम भिलाला   

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