प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक  – 30/08/2019

नर्मदा चुनौती सत्याग्रह

बिना पुनर्वास डूब के खिलाफ सुश्री मेधा पाटकर के अनिश्चितकालीन अनशन छटे दिन भी जारी|

नर्मदा बचाओ आन्दोलन के चुनौती अनशन के समर्थन में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में मनरेगा मजदुर यूनियन के साथियों ने राष्ट्रपति के नाम दिया कलेक्टर को ज्ञापन

अनशन स्थल पर पहुंचकर पूर्व विधायक व किसान संघर्ष समिति के नेता डॉ. सुनीलम जी ने दिया समर्थन

बड़वानी | नर्मदा चुनौती सत्याग्रह के तहत जारी सुश्री मेधा पाटकर जी का अनिश्चितकालीन अनशन आज छठे दिन भी जारी रहा | इसी प्रकार मेधा पाटकर के साथ बैठे 10 डूब प्रभावितों को अनिश्चितकालीन अनशन का आज दूसरा दिन भी जारी था |

उल्लेखनीय है कि बिना पुनर्वास गैरकानूनी डूब के खिलाफ बड़वानी जिले के छोटा बड़दा में 25 अगस्त2019 से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह जारी है। केन्द्रे और गुजरात सरकार की हठधर्मीता के कारण मध्याप्रदेश,महाराष्ट्र और गुजरात में हजारों परिवार नीतिगत पुनर्वास के बिना डूब का सामना करने को मजबूर हैं। केन्द्र सरकार की एजेंसी नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) जलस्तर बढ़ाने के आदेश से जानबूझकर किसान-आदिवासी, केवट-कहार, पशुपालक, कुम्हार, भूमिहीन मजदूरों को बिना पुनर्वास उजाड़ने का प्रयास कर रही है ।

इस समय केवल मध्यप्रदेश में ही 32 हजार प्रभावितों का नीति अनुसार पुनर्वास शेष है। महाराष्ट्र और गुजरात के भी सैकड़ों परिवारों का पुनर्वास बाकी है। इस तरह डूब क्षेत्र में निवासरत लाखों लोगों का जीवन जोखिम में डालना अन्यायपूर्ण अस्वीकार्य है।

हालांकि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आंदोलन के साथ संवाद की प्रक्रिया प्रारंभ की है लेकिन जलस्तर बढ़ाने वाली गुजरात सरकार और जलस्तर बढ़ाने का आदेश देने वाली एनसीए ने इस सुनियोजित तरीके से की जा रही व्यापक जनहत्या के प्रयास पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बिना पुनर्वास डूब के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मनरेगा मजदुर यूनियन के साथियों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देकर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया और सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने की मांग रखी |

मध्यप्रदेश में भी किसान संघर्ष समिति और रोको– टोंको – ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के समर्थन में कई जिलों में मुख्यमंत्री कमलनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर्स को ज्ञापन दिया गया और संपूर्ण पुनर्वास तक बांध के गेट खुले रखने की मांग की |

विगत रात्रि को कसरावद, छोटा बडदा, कड़माल, खापरखेड़ा, चिखल्दा आदि गावों में मशाल रैली निकालकर बिना पुनर्वास डूब नामंजूर का नारा देकर केंद्र और गुजरात सरकार को चेतावनी दी |

नर्मदा बचाओ आंदोलन का कहना है की जब तक संपूर्ण पुनर्वास नहीं होता है तब तक बांध के गेट खुले रखे जाये, बिना पुनर्वास डूब ना लाई जाये | जब तक समस्त 32 हजार प्रभावितों का नीति अनुसार पुनर्वास पूर्ण न हो जाए तब तक सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मीटर पर स्थिर रखा जाए।

एनसीए द्वारा बांध को पूर्ण जलाशय स्तर 138.68 मीटर तक भरने की दी गई अनुमति को तब तक स्थगित रखा जाए जब तक समस्त प्रभावितों का पुनर्वास न हो जाए ।

मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के प्रभावितों का संपूर्ण नागरिक सुविधाओं और आजीविका के साधन उपलब्ध करवा कर डूब के पहले पुनर्वास किया जाए।

पुनर्वास से संबंधित सभी आंकड़ों और दस्तावेजों को वेबसाईट पर सार्वजनिक किया जाए ताकि नए भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके ।

गुजरात सरकार से पुनर्वास, पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य खर्चों की वसूली की जाए ।

सत्याग्रहियों ने संकल्प  व्यक्त किया कि सरकार ने यदि नर्मदा का जलस्तर बढ़ाना जारी रखा तो संघर्ष और कड़ा किया जाएगा।

भागीरथ धनगर, नरेंद्र यादव, रेहमत मंसूरी, हुकुम जाट, देवीसिंह तोमर, पवन यादव, मुकेश भगोरिया,भागीराम यादव, पेमल बहन, कमला यादव

संपर्क

रोहित सिंह 6263663379, राहुल यादव 9179617513