नर्मदा बचाओ आंदोलन के याचिका पर सप्रीम कोर्ट करेगा गठित उच्च स्तरीय समिति ।
सरदार सरोवर विस्थापितों के पुनर्वास के लिए मार्केट रेट पर, ज़मीन ख़रीदी, आदि तय करेगी
नयी दिल्ली, जनवरी 31 : आज सर्वोच्च अदालत में सरदार सरोवर से विस्थापितों के पुनर्वास पर याचिका में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केहर, तथा न्यायमूर्ति चंद्रचूड के खंडपीठ में एक विशेष निर्णय दिया । अदालत इस मुद्दे पर देश के मान्यवर विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति गठित करना चाहता है । न्यायालय के अनुसार इस महाकाय योजना को आगे बढ़ना है, विकास के लाभ लेने हैं तो विस्थापितों का पुनर्वास, उनके नुक़सान के भरपाई भी होनी चाहिए ।
माननीय केहर की खंडपीठ के समक्ष इस मुद्दे पर बहस हुई और केंद्र शासन एवं मध्य प्रदेश के अधिवक्ताओं ने प्रस्तुत किए आँकड़ों को आंदोलन और विस्थापितों के अधिवक्ता अड़ संजय पारेक जी ने चुनौती दी । बड़ी संख्या में आज भी विस्थापित परिवार ज़मीन नहीं ख़रीद पाए, पुनर्वास बस्तियाँ भी नहीं बनी, अन्य लाभ क़ानूनी तौर भी नहीं मिला पाया है, ऐसा कहा गया ।
न्यायमूर्तियों के खंडपीठ के सवाल किए जाने पर के, ज़मीन की क़ीमत क्या है, तो आंदोलन के तरफ़ से बताया गया के लाखों रुपए प्रति हेक्टर है जबकि शासन ने 5 एकड़ के बदले 5.5 लाख रुपए का विशेष पुनर्वास अनुदान 2005 से देकर विस्थापितों को दलालों और भरस्टाचारियों के चंगुल में फँसाया है । खंडपीठ के ओर से यह आदेश किया गया के शासन के ओर से अटरनी जेनरल मुकुल रोहतागी और अन्य तथा याचिकाकर्ता आपस में बैठकर संयुक्त सहमति से देश के नामी विशेषज्ञों के नाम अदालत के सामने पेश करें जो की न्यायालय के द्वारा गठित समिति के सदस्य होंगे। यह समिति आज के रोज़ मार्केट रेट, नुक़सान के भरपाई, ज़मीन के ख़रीदी, पुनर्वास के प्रावधान एवं अन्य लाभ सम्बंधी निर्णय लेगी।
दोनो पक्षकारों ने यह मंज़ूर किया । 8 फ़रवरी को इस पर प्रस्तुति और सुझाव होगी । आंदोलन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारेक ने पैरवी के और अधिवक्ता क्लिफ़्टोन रोज़ारियो, निन्नी टामस एवं आंदोलन के कार्यकर्ता मेधा पाटकर में सहयोग दिया । केंद्र सरकार के ओर से अधिवक्ता पटवालिया जी एवं अटर्नी जेनरल मुकुल रोहतगी ने पैरवी की ।
अब्बाद कमाल, भगीरथ धनगर एवं राहुल यादव