प्रेस विज्ञप्ति | मनावर दिनांक: २३.११.२०१८
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में जनतांत्रिक चुनौती :
लोकमंच २०१८, मनावर, जिला धार
- नर्मदा घाटी के विस्थापितों से भाजपा शासनकर्ताओं और विधायक महोदया की कड़ी टीका।
- भाजपा के घोषणापत्र में नर्मदा पर कोई गंभीर मुद्दे नहीं।
- कांग्रेस ने सबरीमाला मुद्दे पर कहा- कानून और परंपरा दोनों को जोड़कर निकले रास्ता।
- ” कर्जमुक्ति ” भाजपा के घोषणापत्र से गायब। आम आदमी पार्टी का संपूर्ण कर्जमुक्ति का, कांग्रेस का २ लाख रु तक का कर्जमुक्ति का किसानो को आश्वासन।
- मजदुर, मछआरों और पशुपालको को कर्जमुक्ति का यह लाभ क्यों नहीं ?
- अवैध रेत खनन और शराबबंदी पर भाजपा शासन और विधायक पर किये महिलाओने खुले आम आरोप !
दि. २१ नवंबर २०१८ रोज फिर नर्मदा घाटी के किसान-मजदूर, भाई-बहनों ने आकर धार जि. के मनावर तहसील में ‘ लोकमंच ‘ आयोजित कर के जनतंत्रमें विश्वास की पहल बढाई है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नर्मदा किनारे के गावोंमें रही मतदाता शक्ति तथा ३३ सालोंसे बनी रही एकता और नैतिकता, अहिंसा और संवैधानिक विचारधारा इसका आधार रही है। करीबन ९०’ के दशक से हर विधानसभा, लोकसभा के चुनाव के पहले भी ‘ लोकमंच ‘ के द्वारा आन्दोलन ने घाटी के ४ से ५ विधानसभा क्षेत्रों में, तथा ग्राम पंचायत, जिल्ला पंचायत और नगरपालिका चुनाव में भी निश्चित ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव डाला था।
इस बार भाजपा के सामने सेक्युलर माने गए राजनैतिक दल और प्रत्याशी आपस में लड़कर जो चित्र सामने लाये है, इस परिप्रेक्ष्य में मात्र सांप्रदायिकता के मुद्दे पर नहीं, तो स्थानीयसे राष्ट्रीय तक उभरे कई सारे मुद्दों पर सवाल जवाब जरुरी बने हैं। प्रत्याशी तथा उनके दल के प्रतिनिधियों ने मिलकर जनता से रुभरु होना व जनता को अपने मन की बात कहनेका ही नहीं, तो अपने सवाल और समस्याओं का जवाब लेना जरुरी है। आंदोलन के इस कार्यक्रम मे पधारे प्रत्याशियों को अपनी भूमिका पहले रखनेका मौका दिया गया। आज मंच पर शिवसेना, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस तथा भाजपा के प्रत्याशी दूरदराजके क्षेत्र में सभाओं में अटक जानेपर, उन्होंने भेजे वरिष्ठ प्रतिनिधियो ने करीबन ३.५ घंटे चले इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और शानदार रूप से, भाई बहनों ने किसान मजदूर, मछुआरों तथा आंदोलन के कुछ कार्यकर्ताओं ने उठाये सवालों का जवाब भी दिया।
लोकमंच से युवा प्रत्याशी बसपा के अमीतचंदभाई और आम आदमी की राजकुंवर ने अपना अभ्यास, क़ानूनी, तथा मैदानी संघर्षो का परिचय और आम लोगों के विस्थापन जैसे सवालोंपर दिया वक्तव्य प्रभावी रहा। उन्होंने कांग्रेस – भाजपा दोनों के राज्यमें किये गये अन्यायों का ब्यौरा देकर विकल्प की राह का और अपने अपने दलका समर्थन किया। बसपा घोषणा पत्र नहीं बनाता क्योंकि घोषणाऍ विफल होती है तो आम आदमी पार्टी १०० रु के स्टेम्प पेपर पर अपना घोषणापत्र देती है, इस बात पर श्रोताओ को सोचने के लिए छोड़ा गया।
कांग्रेस के प्रतिनिधि व प्रवक्ता श्री नारायण जोहरीजी ने आंदोलन की साथ देने के, दिग्विजय सिंह सरकार से संवाद के, तथा प्रत्याशी हीरालाल अलावा के आदिवासी दलित और अन्य गरीबों के प्रश्न में सतत किये कार्य के दाखले देकर, २ लाख रु तक कर्जमुक्ति, फसलबीमा में खेत की इकाई और ग्रामसभा की अनुशंसा तथा स्वैच्छिकता आदि पर जोर देकर, भाजपा प्रत्याशीके जनविरोधी तरीकों पर कसकर बात की और देशमें कई कानून व संविधान तक बदलने की साजिश की पोलखोल भी की।
उन्हें किये गए सवालों मे यह बात उभरी की अ.भा. किसान संघर्ष समन्वय की ओर से संसद में प्रस्तुत किये विधेयकों पर कानून के मसौदो पर हस्ताक्षर करने बाद भी संपूर्ण कर्जमुक्ति की बात घोषणापत्र में क्यों नहीं ? उनका जवाब था, मध्य प्रदेश की बरबाद आर्थिक स्थितिके कारण शुरुआत २ लाख तक की कर्जमुक्तिसे होगी और फिर आगे बढ़ेंगी।
भाजपा के घोषणापत्र में विस्थापन/विस्थापितों पर एक भी शब्द नहीं।
नर्मदा पर विस्तृत मुद्दे कांग्रेस के घोषणापत्र में है और विस्थपितों के पुनर्वास के भी मुद्दे शामिल है, इसकी दखल लेने के साथ, भाजपा के घोषणापत्र में विस्थापितों पर न कोई बात, न आश्वासन, हल टिपण्णी द्वारा हुई पोलखोल नर्मदा घाटी के करीबन २५ गावोंसे आये विस्थपितो के लिए महत्वपूर्ण रही।
नर्मदा घाटी के मछआरों ने सवाल किये उनके डूब में घरों की गिनती से लेकर जलाशय के हक़ पर। और किसानों के सवाल थे, योजना असफल साबित होने पर !
भाजपा की आजतक की विधायक श्रीमती बघेल की नाकामयाबी गिनाते हुए, गरीब महिलाओं से लेकर किसानो तक ने सवाल किये।
अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी समबन्धी हुई कड़ी बहस !
अल्ट्राटेक से अत्याचार, अन्याय की बात पर सवाल के जवाब में कांग्रेसने कहा कि मध्य प्रदेश शासन कंपनी कानून का पालन करवाने में असफल रही। भाजपा के प्रतिनिधिने मात्र यह कहकर टालना चाहा की कम्पनीको किसानोंने स्वेच्छासे जमीने दी और गलत काम कंपनी से हुआ हो, तो वह उनकी जिम्मेदारी हे, शासनकी नहीं।
इसपर तीखी टिपण्णी और कडा सवाल होनेपर भाजपा के प्रतिनिधि पाटीदारजी जवाब नहीं दे पाए। कहा, देखेंगे जरूर !
शिवसेना के जगदीश मुवेलजी की भाजपा और विधायक रंजना बघेलकी पोलखोल।
भाजपा के भूतपूर्व मंत्री और अब शिवसेना के प्रत्याशी जगदीश मुवेलजी ने कहा कि मनावर में न रहने वाली यहाँ मात्र चुनाव के वक्त और साल मे २ से ३ महीने दिखाई देती है। यह कहते हुए, गांव गांव में सुविधाओं के अभाव के अलावा दांभिक राजनीती और गरिबो से दूरी उजागर करते हुए उन्होंने कांग्रेस-भाजपा के विकल्प के रूप में ही पेश किया, शिवसेना पार्टी को। स्वयं के आंदोलन का समर्थन देने लोकमंच में उपस्थित महिलाओ ने शराबबंदी पर सवाल उठाते कहा कि करोड़ो रु नर्मदा सेवा यात्रा के बाद शराब की एक भी दुकान नर्मदाकिनारेसे नहीं हटी है। “विधायक महोदया हमारे सामने दुकानदार को रोकती टोकती है, लेकिन पीछे से ‘शुरू करो-कौन क्या करेंगे’ कहते हैं”, यह आरोप लगाने पर भाजपा प्रतिनिधि था, नर्मदा से २ कि.मी. तक की दुकाने हटाने का वायदा मुख्यमंत्री ने किया था… और अब ठेका रेतखनन का भी बंध किया है लेकिन पंचायते नहीं समहल पा रही है ! उनकी हताशा थी या भरमाने की साजिश, यह नहीं सुननेवाले ही समजे, यह टिपण्णी भी हुई !
आंदोलन के खिलाफ पुलिसबल, झूठे प्रकरण, २०१७ में लाठियों मे किले डालकर छुपा हमला, आदि पर केवल विस्थापित ही नहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, शिवसेना के नुमाइन्दोने भी भरसक आरोप भाजपा पर लगाया। भाजपा प्रतिनिधि ने पुनर्वास पर शिवराजसिंह सरकार ने दिलाये लाभों की बात कहते ही, चिल्ला उठे लोग ! महिलाओं ने, किसान, मज़दूर-मछआरों ने गलत सूचियों के साथ गलत सर्वेक्षण पुनर्वास स्थल पर पानी,रास्ते तक की सुविधाओं के अभाव के साथ साथ सवाल उठाया की क्या पुनर्वास के लाभ भाजपा के नेताओं ने दिलाये ? किसकी केस कोर्ट में थी जिसमे ६० लाख और १५ लाख रु देने का, सुविधाएँ देने का फैसला आया ? भाजपा के प्रतिनिधि पाटीदारजी जवाब नहीं दे पाए !
लोकमंच मे देवीसिंह तोमर, सुनील और राधेश्याम मछुआरा, लीलाबाई, रोहित ठाकुर, राहुल यादव इ० ने सवाल उठाने के अलावा रणवीरसिंह तोमर, देवराम कनेरा, कमला यादव, मुकेश भगोरिया और मेधा पाटकर जी ने वक्तव्य दिया और संचालन किया।
संपर्क – सौरव – 8287509616