सेंचुरी के श्रमिक, बनना चाहते मालिक 

  • औद्योगिक न्यायाधिकरण ने 5 श्रमिक व मेधा पाटकर को प्रदान किया प्रतिनिधित्व का अधिकार
  • भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तुत किये VRSके पक्ष में शपथ पत्रों में कई फर्जी निकले

नर्मदा घाटी का संघर्ष अब सरदार सरोवर और अन्य बांध के विस्थापितों के साथ साथ नर्मदा का पानी, घाटी की खेती भूमि हासिल करके चलायी जाती दशकों पुरानी फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिकों के विस्थापन पर भी सवाल उठा रहा हैं | इसका एक विशेष नमूना है, सेंचुरी श्रमिकों का सत्याग्रह आंदोलन ! श्रमिकों ने बिरला की यार्न / डेनिम मिल्स का अवैध, संदेहास्पद बिक्रीनामा रद्द करवाया | कानूनी लड़त से बढ़कर महिलाओं के भी सहभाग से, मैदानी, अहिंसक लडत चलायी |  बिरला समूह ने आखिर औद्योगिक न्यायाधिकरण का मिल्स बंद होने पर भी रोजगार की श्रमिकों और कर्मचारियों के आजीविका की जिम्मेदारी लेकर उनका वेतन चालू रखने का आदेश स्वीकारा |

बिरला मैनेजमेंट ने फिर VRS को नगद राशि के रूप में प्रति श्रमिक औसत पांच लाख रुपये की नुकसान भरपाई या फिर उनकी दोनों मिल्स, संपदा के साथ मात्र 1 रु. की नाममात्र कीमत पर श्रमिकों की संस्था को देकर, चलाने का – ये दोनों विकल्प सामने रखें | श्रमिकों ने कड़ी मेहनत और सलाहगार, विशेषज्ञों की सहायता से पूरी जांच परख के बाद, दूसरा विकल्प स्वीकारना तय किया और तैयारी भी कर डाली | इस वक्त तक 4 श्रमिक संगठनों के साथ जुड़े रहे, 927 में से अधिकतर यानी 85-90% श्रमिक व 40% कर्मचारी जबकि रोजगार का हक और मिल्स का हस्तांतरण चाहते हुए सत्याग्रह चलाते रहे | तब भी 4 संगठनों ने सेंचुरी स्वतंत्र एकता परिषद, टैक्सटाइल मजदूर यूनियन ( AITUC), सूत मिल श्रमिक संगठन (BMS) व पश्चिम निमाड़ टैक्सटाइल एंड गार्मेंट इम्प्लायीस यूनियन (INTUC)  ने मिलकर अपने ही चंद पदाधिकारियों के द्वारा VRS के याने नगद राशि के पक्ष में ठहराव पारित करके श्रम आयुक्त और न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) के समक्ष पेश किया | यह श्रमिकों के लिए बड़ा ही हादसा था |  बहुसंख्य श्रमिकों की एकता और राय नकार कर श्रमिक संगठनों से हुई यह धोखाधड़ी थी | श्रमिकों ने उसका कानूनी जवाब देना तय किया | सभी संगठनों (यूनियन्सो) से इस्तीफा देकर, और औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा-36 के तहत (केंद्रीय नियम 36) 5 श्रमिक और सहयोगी मेधा पाटकर को चुनकर हम न्यायाधिकरण के सामने स्वतंत्र संगठित इकाई के रूप में खड़े हुए और 4 दिसंबर 2018 का आदेश हमें प्राप्त हुआ |

ट्रिब्यूनल के आदेश में कहा है कि जिन कर्मचारियों ने (staff) VRS याने नगद राशि के समर्थन में यूनियन के अधिवक्ता की ओर से स्वतंत्र अर्जी पर पैरवी की वे ‘श्रमिक’ (workmen) की परिभाषा के दायरे में नहीं होने से उनका अधिकार और उस पर अर्जी निरस्त की जाती है |

श्रमिकों का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, इस सवाल पर, ट्रिब्यूनल ने आदेश में निर्णय दिया है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए, बहुसंख्य याने (प्रत्यक्ष में 791) श्रमिकों ने धारा 36 के तहत यूनियन से इस्तीफा देकर जब की मांग की है तो चुने गए पांच श्रमिक और मेधा पाटकर को प्रतिनिधित्व का हक प्रदान किया जाता है | इस आदेश ने सभी यूनियंस तथा सेंचुरी मैनेजमेंट की ओर से श्रमिकों का विरोध और आपत्तियां खारिज की | इस निर्णय से निश्चित ही हर फैक्टरी/उद्योग में, जहां श्रमिकों की राय/विचार यूनियन्स से अलग होंगे वहां उनसे स्वतंत्र प्रतिनिधित्व करने का रास्ता खुल गया है |

इस ‘रेफरन्स’ के न्यायाधिकरण/ट्रिब्यूनल के समक्ष चल रही केस में इन 6 प्रतिनिधियों को पक्षकार के रूप में दावा कथन का मौका भी दिया गया है, जिस पर सुनवाई हो कर ही अलग निर्णय दिया जा सकता है | इसीलिए इस दोनों विकल्पों में से मिल्स ट्रांसफर करने के विकल्प और प्रक्रिया के पक्ष में अब 9.1.2019 के रोज मेधा पाटकर पैरवी करेंगी |

यहां विशेष बात यह भी है कि चार यूनियंस में से भारतीय मजदूर संघ के अधिवक्ता श्री संतोष चौरसिया ने VRS के पक्ष में 165 कहकर 146 श्रमिकों के नोटराइज्ड शपथ पत्र पेश किए | इन शपथ पत्रों की सूची जांचने बाद आज तक 44 श्रमिकों ने उनके नाम पर बनाए गए शपथ पत्र झूठे होने की बात अपने नोटराइज्ड शपथ पत्रों से जाहीर की है | किसी यूनियन की और अधिवक्ता की इस धोखाधड़ी का श्रमिक निषेध करते हैं और इसे चुनौती दे रहे हैं |

पत्रकारों के समक्ष आज कमल जायस्वाल ने उनके खुद के नाम से फर्जी शपथ पत्र की बात की पोलखोल कर दी |

जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की 65 दिवसीय संविधान सम्मान यात्रा में देश भर के अन्याय, अत्याचार, हिंसा; विस्थापन और विनाश, गैर बराबरी इ. के मुद्दे जानकर उभरा हुआ संकल्प पत्र नयी सरकारों के सामने पेश किया जायेगा| हमारा संवाद उसी पर आधारित होगा |

रोहित ठाकुर              जगदीश पटेल           राजकुमार दुबे           संजय चौहान                  सत्येन्द्र यादव                मेधा पाटकर

 

संपर्क – सौरव – 8287509616