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सप्रेम नमस्कार! जिंदाबाद!
आप जानते ही हैं कि हम नर्मदा आंदोलनकारी, मां नर्मदा और घाटी के जनजन तथा संसाधन बचाने के लिए पिछले 39 सालों से संघर्ष और निर्माण में कार्यरत रहे हैं| 40 वे साल में प्रवेश करते हुए, अहिंसक सत्याग्रही रहकर जो हासिल किया है उसे याद करते, आज भी सामने खड़ी चुनौतियों पर हम करेंगे सवाल, देंगे चेतावनी!
इसी उद्देश्य से नर्मदा घाटी के आदिवासी, दलित, किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार, व्यापारी, पशुपालक सभी अपनी अभूत एकजुटता और जीवटता के साथ, एक विशाल रैली और जनसभा करेंगे, 31 अगस्त, 2024 के रोज!
लेवल्स बदलने के खेल की अवैधता की पोलखोल हुई है| प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन, समारोह होने तक बांध के गेट्स न खोलने से मध्यप्रदेश के और गुजरात में हजारों घर, खेत, दुकान, तीर्थों की बर्बादी लाते, मरणदिन साबित हुआ है! महाराष्ट्र के 153 खेत बिना भूअर्जन डूबाये गये हैं| इस साल भी बाढ़ के पानी के नियमन के द्वारा जलस्तर पर रोक नहीं लगाए सरकार, तो ‘जलसत्याग्रह’ होगा जरूर! कानून, नीति, न्यायालयीन आदेशों के उल्लंघन के साथ लायी ‘बिना पुनर्वास डूब’ हमें है नामंजूर!
सरदार सरोवर के साथ नर्मदा घाटी के उपरी क्षेत्र में, जल-जंगल-जमीन- पर आघात करने वाले, पर्यावरणीय मंजूरी के बिना प्रशासन से आगे धकेले जा रहे बांध, नर्मदा का पानी घाटी से दूर-दूर ले जाने वाली बड़ी उद्वहन योजनाएँ, नर्मदा किनारे की भूमी और जलाशय के साथ जलपरिवहन, खनन और प्रदूषण के कारण हो रही व्यापारी खिलवाड़ एक गंभीर चुनौती है! ‘नर्मदा बचाओ, मानव बचाओ’ हमारा केवल नारा नहीं, संकल्प है|
देश की सभी नदियाँ, हर घाटी के पहाड़, जंगल, भूमी और भूजल भी आज भुगत रहे हैं आघात! किसान, मजदूर, हैरान है गैरबराबरी और बेरोजगारी से / भूखे प्यासे परिवारों की महिलाएँ आक्रोशित है| कानून बदल रहे है संवैधानिक मूल्यों को नकारकर, तो संविधान ही बदलने का खतरा है| विकास के पूंजीवादी नजरिये से हो चुके जलवायु परिवर्तन से सूखा, बाढ़ और पश्चिमी घाट से हिमालय तक हावी है, भयावह आपदा!
नर्मदा घाटी की जनता बर्गी से सरदार सरोवर तक के बड़े बांध ही नहीं, हर प्रकार के अन्याय, अत्याचार पर सवाल उठाती रही है| संयुक्त किसान मोर्चा, श्रमिक जनता संघ, शहरी गरीब संघर्ष मोर्चा के द्वारा हम जनआंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के साथी है| हमारे राष्ट्रीय ‘नदी घाटी मंच’ द्वारा ‘नदी संरक्षण, सुरक्षा एवं पुनर्जीवन विधेयक’ का अंतिम मसौदा हम घोषित करना चाहते है! हम जनतंत्र और संविधान को बचाने, समता, न्याय और जाति- धर्म के पार एकात्मता और मानव अधिकार के मार्ग पर चलते रहे हैं और रहेंगे| हम हिंसा के खिलाफ अहिंसा के द्वारा, सत्याग्रही बनकर देश के सभी वंचितों के साथी, सहयोगी हैं|
आपका भी जनसहयोग हमारे लिए अमूल्य है| हम सादर निमंत्रित करते हैं, 31 अगस्त, 2024 को बड़वानी, मध्यप्रदेश में| आपसे आग्रह है, अगर एक दिन पूर्व, 30 अगस्त की सुबह पहुंचकर, संभव हो तो नर्मदा घाटी की हकीकत जाने, कुछ धरातल के लोगों से मुलाकात करे और देखें, 39 साल के ‘आंदोलनजीवी’ योंने क्या खोया और क्या पाया? विश्व में प्रचारित इस बांध की सच्चाई भी समझे और झूठे आरोप तथा दावे भी! हम सब इस मौके पर आगे बढ़ाएंगे समन्वय, जनआंदोलन और नागरी समाज तथा जनप्रतिनिधियों के बीच जब ‘हिंदी, मराठी या गुजराती, लड़ने वाले एक ही जाति’ के सभी एकत्रित जुटेंगे और आपसे मिलना चाहेंगे|
तहेदिल से आपका स्वागत होगा, पधारिये जरूर जरूर!
आपसे पधारने की निश्चिती की और आने जाने की सफर के ब्यौरे के साथ खबर पाने की राह में, आपके स्नेहांकित और विनीत,
चेतन साल्वे, हेमेन्द्र मंडलोई, वाहिद मंसूरी, मुकेश भगोरिया, राहुल यादव, मेधा पाटकर, लतिका राजपूत, कमला यादव, महेन्द्र तोमर, गोखरू मांगल्या, नूरजी वसावे, भगवान सेप्टा, ओम पाटीदार, गेंद्या भाई भिलाला, भगवान प्रजापति, सरस्वती बहन, श्यामा भारत मछुआरा
संपर्क:- 9179617513 / 9826811982
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