अनिश्चितकालीन उपवास का नौवां दिन, लगातार उपवास पर बैठे नर्मदा घाटी के 11 लोग और मेधा पाटकर, दिल्ली जंतर मंतर पर नर्मदा घाटी और उसके समर्थकों के अनशन का दूसरा दिन
सरकारी डॉक्टरों की टीम ने की जांच, कहा अनशन पर बैठे लोगों की स्थिति गंभीर, अस्पताल में भर्ती कर चिकित्सा होनी ज़रूरी
15 सांसदों ने सामूहिक पत्र लिखा प्रधानमंत्री को, कहा चिखल्दा भेंजे मंत्रियों की टीम व तुरंत संवाद स्थापित किया जाए
रघुवंश प्रसाद सिंह, डी राजा, भगवंत मान, जितेन्द्र चौधरी, अरुणा रॉय, एनी राजा, व कई अन्य समर्थन में पहुंचे जंतर मंतर, घाटी के समर्थन में कर रहे योगेन्द्र यादव, आलोक अग्रवाल, संदीप पाण्डेय, व डॉ. सुनीलम उपवास
धार कलेक्टर श्रीमन शुक्ला का बयान गुमराह करने वाला, कहा 8 गाँव का हुआ पूर्ण पुनर्वास
मध्यप्रदेश सरकार ने दिया 7,010 बचे विस्थापितों का आंकड़ा, लोकसभा में नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा की हो गया पूर्ण पुनर्वास
बडवानी, मध्यप्रदेश | 4 अगस्त 2017: नर्मदा घाटी में अनिश्चितकालीन उपवास का आज नौवा दिन है और अभी भी 11 नर्मदा घाटी के लोग और मेधा पाटकर अनवरत बिना सम्पूर्ण और न्यायपूर्ण पुनर्वास के सरकार द्वारा गैर क़ानूनी डूब का विरोध करते हुए उपवास पर बैठे हैं |
कल रात मेधा पाटकर सहित 11 अन्य अनशन पर बैठे नर्मदा घाटी के लोगों को सरकारी डॉक्टर की एक टीम जिसमे 2 वरिष्ठ डॉक्टर, लैब टेकनिशन और सहायक आये तथा अनशन पर बैठे सभी लोगों का ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर जैसी अन्य जांच की | जांच से पता चला की मेधा पाटकर सहित सभी अनशन पर बैठे लोगों की हालत गंभीर है, ब्लड प्रेशर बहुत कम है और सभी में किटोन की मात्रा भी पाई गई | पुलिस प्रशासन से एस.डी.एम ऋषि गुप्ता और थाना प्रभारी शी. बी. सिंह भी उपस्थित थे और साथ ही समर्थन देने कुक्षी विधायक श्री हनी बगेल भी पहुचे |
डॉक्टर ने कहा की लगभग सभी की स्थिति गंभीर है और सभी को चिकित्सा जांच कराने की सलाह दी जाती है और साथ ही कहा की हॉस्पिटल में भरती करना सही रहेगा | लेकिन मेधा पाटकर सहित सभी अनशनकारियों ने चिकित्सा जांच के लिए साफ़ मना करते हुए कहा की प्रशासन को हम 12 लोगों की चिंता न करते हुए नर्मदा घाटी के लाखों लोगों की चिंता करनी चाहिए | चाहें स्थिति कितनी भी गंभीर हो जाये, ना तो हम कोई चिकित्सा जांच करवायंगे और न ही अनशन से उठेंगे | जब तक सरकार संवाद के लिए तैयार नहीं होती और पुनर्वास बाकी है इसलिए सरदार सरोवर बाँध के गेट जो बंद किये जा चुके हैं उन्हें वापस नहीं खोलती, हमारा अनशन जारी रहेगा |
कल निसरपुर पर दौरा करने निकले धार कलेक्टर श्रीमन शुक्ला ने लोगों को पुनर्वास स्थल पर स्थानांतरित होने के साथ साथ दावे से कहा की 50 गाँव से 8 गाँव का विस्थापन पूरा हो चूका है जिसमे मनावर तहसील से जलखेडा और पटवार, धरमपुरी तहसील से निम्बोला, गुलाटी, बलवाडा और कुक्षी से सिसगांव, डेहर और दसांडा शामिल है | ये सभी गाँव ऐसे गाँव है जिनको 2008 में सरकार ने बैकवाटर लेवल से बाहर किया था जिसके कारण सरकारी आंकड़ो के अनुसार इन गाँवो में बहुत कम घर डूब प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, जिनका पुनर्वास पूरा होने का कलेक्टर दावा कर रहे हैं | जलखेडा में अभी भी ऐसे 10 घर बाकी हैं जिनका पुनर्वास नहीं हुआ है | दसांडा गाँव की तो बसावट ही नहीं बनी है, तो पुनर्वास कहाँ हुआ यह एक बड़ा सवाल है | यहाँ के कुछ लोग गुजरात में पुनर्वास किया गया था | डेहर में 7 घरों का अभी भी पुनर्वास होना बाकी है | सवाल यह है की क्यूँ सरकार बिना पुनर्वास किये, “पूर्ण पुनर्वास हो गया है” के दावे कर रही है ?
कल लोकसभा में सरदार सरोवर बाँध पर गुणा के सांसद ज्योतिरातिद्य सिंदिया द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के अन्यापूर्ण तरीके से, बिना पुनर्वास और उच्चतम न्यायलय के आदेश का उल्लंघन करते हुए जबरन विस्थापन की नीयत और प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया जिस पर पंचायत राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा की मध्यप्रदेश सरकार उच्चतम न्यायलय के आदेश का पालन कर रही है | 31 जुलाई तक डूब क्षेत्र को खाली करवाने के निर्देश के पालन में प्रदेश से जो अपेक्षित था, वह सब सुनिश्चित किया है | एक तरफ नर्मदा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष रजनीश वैश ने 7,010 विस्थापितों का आंकड़ा दिया जिनका पुनर्वास होना बाकी है और दूसरी तरफ नरेन्द्र सिंह तोमर कहते हैं की जो सरकार से अपेक्षित था वह सरकार ने किया है | राज्य सरकार के अलग अलग वक्तव्य यह साबित करते हैं की नर्मदा घाटी के विस्थापितों की क्या स्थिति है उसकी सही जानकारी किसी को नहीं है और अंदाज़ पर आंकड़ों का खेल चल रहा है |
आज जंतर मंतर पर उपवास पर बैठे नर्मदा घाटी के लोग और योगेन्द्र यादव, आलोक अग्रवाल, संदीप पांडे और डॉ. सुनीलम जी का दूसरा दिन है | आज समर्थन में अरुणा रॉय, एनी राजा, शबनम हाशमी, पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह (सीपीआई (एम)), सांसद डी. राजा (सीपीआई), जितेन्द्र चौधरी (सीपीआई (एम)), भगवंत मान (आम आदमी पार्टी), रघुवंश प्रसाद सिंह (राजद), भूपेंद्र सिंह रावत (जन संघर्ष वाहिनी), सौम्य दत्ता (पर्यावरणविद व उर्जा विशेषज्ञ), सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता संजय पारीख, वंदना प्रसाद, नंदिनी सुन्दर, लैला कबीर फ़र्नान्डिस, राजेंद्र रवि, फिलेमना (एनऍफ़आईडब्लू) जिग्नेश मेवानी (राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच), शेहला राशिद (जेएनयु छात्र संगठन) व कई अन्य भी पहुंचे | इसके अलावा आज प्रधानमंत्री को कई सांसद ने पत्र लिखकर चिखल्दा उपवास स्थल पर अपने मंत्रियों को भेज उनसे संवाद करने को कहा | वहीँ आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीआई (एम), स्वराज इंडिया, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया ने सांगठनिक तौर पर व निजी स्तर पर शरद यादव जी ने अपना समर्थन दिया है और मेधा जी के स्वास्थय की चिंता जाहिर करते हुए उपवास तोड़ने का आग्रह किया | इसके साथ लगभग 100 से ज्यादा जगहों पर नर्मदा घाटी के विस्थापितों के समर्थन में प्रदर्शन हो चुके और सैकड़ों जनसंगठनों से समर्थन और अपील भरे पत्र जाहिर हुए हैं |
मध्य प्रदेश सरकार जिस विकास की बात कर रही है वो किसका विकास हो रहा है यह एक बड़ा सवाल है | सरदार सरोवर परियोना से मध्य प्रदेश को बिजली मिलेगी ऐसा सरकार दावा करती है | लेकिन पहले से ही मध्य प्रदेश में बिजली की उत्पादन क्षमता पूर्ति से ज्यादा है और अब अतिरिक्त बिजली उत्पादन की ज़रूरत नहीं है | गुजरात में भी आई बाढ़ से पता चलता है की सरकार ने विकेंद्रीकृत जल प्रबंधन की कोई योजना नहीं बनायीं जिसके कारण अतिरिक्त पानी विनाश बन कर आया | अगर इसकी सही व्यवस्था की जाये तो पानी का सही प्रयोग किया जा सकता है और बाढ़ में डूबे गुजरात को नर्मदा से पानी ले जाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी|
भागीरथ धनगर, सनोबर बी, बाला यादव, रोहित ठाकुर, आनंद तोमर
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