प्रेस नोट दिनांक 24/06/2018

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा पुनर्वास स्थलों पर पानी निकासी नहीं।

बड़वानी जिले में कई पुनर्वास स्थलों पर मकान धँसे व जलमग्न हुए।

पहले मूलगांव डूबने थेपरन्तु पुनर्वास स्थल ही डूब गये।

बड़वानी, मध्य प्रदेश | 24 जून, 2018: सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित बड़वानी जिले के 65गाँव से अधिक डूब में आ रहे है, इसके लिए पुनर्वास स्थलों का निर्माण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा किया गया है, परन्तु आज तक पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाये है।

सर्वोच्च अदालत के वर्ष 2000, 2005, व 2017 में आये फैसलों में मध्य प्रदेश राज्य की पुनर्वास नीति व नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के आदेशों का आज तक संपूर्ण पालन नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा नहीं किया गया है।

सर्वोच्च अदालत के 08 फरवरी 2017 फैसले में कहा गया था कि 3 महीने के अंदर मध्य प्रदेश सरकार पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवायेगी,उसके बाद भी सरकार के द्वारा वहाँ कुछ नहीं किया गया, फिर नर्मदा बचाओ आंदोलन के द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के इंदौर खण्डपीठ में जनहित याचिका दाखिल की गई थी, फिर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि शिकायत निवारण प्राधिकरण 2 महीने के अंदर आदेश देकर सुनवाई करे। फिर सभी पुनर्वास स्थलों की सुनवाई हुई उसके बाद शिकायत निवारण प्राधिकरण के द्वारा28/11/2017 को पुनर्वास स्थलों पर समय सीमा में कार्य करने का आदेश पारित किया गया था। इसका भी पालन नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया गया है।

शिकायत निवारण प्राधिकरण के आदेश28/11/2017 में 83 पुनर्वास स्थलों पर 31 दिसबंर2017 तक चरनोई की जमीन उपलब्ध करने का आदेश नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया था, 31 जनवरी 2018 तक 83 पुनर्वास स्थलों पर आवासीय भूखण्ड के समतलीकरण के मुददे पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर को निर्देशित किया गया था। जल आपूर्ति उपरोक्त समाधान के लिये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया था कि सभी पुनर्वास स्थल जो नर्मदा नदी से 3 से 10 कि.मी. की दूरी के अन्दर स्थित है वहाँ किया जाए। नर्मदा नदी से पाईप लाईन द्वारा पानी को लिफ्ट करके पहुंचाया जाए,और यह 30 अप्रैल 2018 तक हो जाये। बरसाती पानी के लिये निकासी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया था कि सभी 83 पुनर्वास स्थलों बसाहट पानी के निकास की सुव्यवस्था की जाए ताकि आबंटित आवासीय भूखण्डों पर पानी इकट्ठा न हो और उचित ढलान के आधार पर पानी बाहर निकाला जा सके। यह कार्य बरसात के पूर्व अर्थात 31 मई 2018पूर्ण कराया जाए, ऐसे आदेश था। जो आज तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा नहीं किया गया है,इसके कारण आज बड़वानी जिले के कसरावद पुनर्वास स्थल पर इन विस्थापितों के मकान गिरने व प्लॉट में पानी भर गया।

विस्थापितों की सूची, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं:-

  1. भग्गु पिता तेरसिंग2. रघु पिता तेरसिंग 3. केशरबाई बेवा तेरसिंसग, 4. शंकर पिता नानुराम 5. सुक्यिा पिता छितु, 6. कालूबाबा 7. कस्तुरीबाई्र बेवा नयनसिंग इत्यादि व जामदा पुनर्वास स्थल पर मकान टूटे व पानी भरने से इन विस्थापितों देवीसिंग पिता दरियाव का 20क्विटल गेंहूँ, 20 क्विटल चारा खराब, 5 किलो दाल, 20 किलो आटा एवं दीवारे पूरी तरीके से नष्ट हो गयी है। निर्भर सिंग पिता पेमा का 10 क्विटल गेंहूँ, आटा, तुवर दाल, 20 क्विटल चारा खराब हो गया है। आज घर में पानी भरने के कारण कई परिवार भोजन तक नहीं बना पाये। पर्वत सिंग पिता पेमा के घर 14 क्विटल चारा खराब हुआ, 05 क्विटल गेंहूँ इत्यादि नुकसान हुआ है,मनोहर पिता नवलसिंग, नवल पिता नरसिंग, सोहन पिता मनोहर, शेरू पिता मांग्या, भीक्या पिता बोदर, रमेश पिता मोनसिंग, मुकेश पिता मोनसिंग, गल्यिा पिता खेमा,इत्यादि घरों में पानी भर गया है, इसके अलावा राजघाट,कुकरा, भीलखेडा, एकलरा, पिछोडी इत्यादि पुनर्वास स्थलों पर विस्थापितों के मकानों टूटे व घरों में पानी भर गया है।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के 31 मई 2018 तक83 पुनर्वास स्थलों पर पानी निकासी की नालियों का निर्माण किया जाता तो यह स्थिति नहीं होती इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार व नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण सम्पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।

राहुल यादव,  कमला यादव, गुलमीर मंसूरी, विक्रम भीलाला

संपर्क नं. 9179617513


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